BJP MLA Mahesh Negi Case: विधायक प्रकरण में महिला को नये सिरे से जारी होगा नोटिस
BJP MLA Mahesh Negi Case विशेष जांच प्रकोष्ठ (एसआइएस) ने अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट सीट से विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म के आरोप की जांच शुरू कर दी है।
देहरादून, जेएनएन। BJP MLA Mahesh Negi Case विशेष जांच प्रकोष्ठ (एसआइएस) ने अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट सीट से विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म के आरोप की जांच शुरू कर दी है। इस क्रम में जांच अधिकारी की ओर से विधायक पर आरोप लगाने वाली महिला को बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित होने को नए सिरे से नोटिस जारी किया जा रहा है। उप महानिरीक्षक (डीआइजी) अरुण मोहन जोशी ने जांच की जिम्मेदारी एसआइएस में तैनात उप निरीक्षक आशा पंचम को सौंपी है।
हालांकि, नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने बीते सोमवार को ही महिला को तीन दिन के भीतर उपस्थित होकर बयान दर्ज कराने के संबंध में नोटिस भेजा था, लेकिन वह न तो मंगलवार को बयान दर्ज कराने पहुंची और न ही बुधवार को। इसके अलावा महिला ने सोमवार को ही एसएसपी कार्यालय में एक और शिकायती पत्र देकर नेहरू कॉलोनी थाने की महिला दारोगा पर इस प्रकरण में समझौता करने का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए विवेचक बदलने की मांग की थी। इसके बाद डीआइजी ने जांच एसआइएस को स्थानांतरित कर दी थी। वहां इस मामले की जांच कर रही विवेचक को पहले महिला के बयान दर्ज करने होंगे। इसके बाद महिला के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष रिकॉर्ड कराने के साथ ही उसका मेडिकल परीक्षण कराना होगा। जिससे पुलिस दुष्कर्म के दावे की तह तक जा सके।
महिला का ऑडियो वायरल होने से हड़कंप
विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला का एक कथित ऑडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है। करीब नौ मिनट के ऑडियो में महिला से एक व्यक्ति बात कर रहा है, जोकि सिपाही बताया जा रहा है। बातचीत के लिहाज से वह उसका पुराना परिचित प्रतीत हो रहा है। ऑडियो में उक्त व्यक्ति कह रहा है कि विधायक ने जबरदस्ती उसके बयान पुलिस के सामने दर्ज करवाए हैं। साथ ही उसे महिला के खिलाफ झूठा बयान देने के लिए डराया-धमकाया भी गया।
अरुण मोहन जोशी (डीआइजी, देहरादून) का कहना है कि एसआइएस ने जांच शुरू कर दी है। विवेचना में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। वहीं, ऑडियो क्लिप की जांच कराई जा रही है। यदि सिपाही यह कह रहा है कि उससे जबरन बयान दर्ज कराए गए थे तो यह गलत है। इसके लिए कंपनी कमांडर को नोटिस भेजा गया था और कानूनी तौर पर उसे यहां बुलाकर बयान दर्ज हुआ थे। जिनके बीच बातचीत सामने आ रही है, उन सभी के पॉलीग्राफ टेस्ट कराए जाएंगे।